न पाती ना कोई खबरीया
रूठ क्यो गए वो मेरे सावरियाँ
नयना आस मे तेरी हर पल
आ भी जाओ तु वो बावडियाँ
सुनी-सुनी है मेरी डगरिया
कब आओगे सजना तु दुअरिया
झुले सुने तेरे बिन
सुनी है पनघट किनरिया
यादो मे हर वो रैना
आ भी पिया सावरियाँ
बिन कंगन सुनी मेरी कलईयाँ
बाहो मे तेरी रहती थी हर पल सईयाँ
थाम के तेरी बहिईयाँ
कैसे भुल जाऊँ वो अंगराईया
बीत रहे है पल-पल सजनवा
आ भी जा पहना दो कगनवाँ
खो गई है जुड़े मेरी
जुल्फ खुली है इतजार मे तेरी
तड़प रही है तेरी सजनियाँ
नयना रूठ गई हमसे तेरे बिन
भर जाती है नयन गगरियाँ
न आती है चैन सावरियाँ
आ भी जा तु ओ बावरियाँ
बढ रही है प्यास सजनवा
रूठ गई है हमसे निदियाँ
तड़प रही हु तेरी याद मे
भूल गई हु लगाना बिदियाँ
आ भर दो मेरी माँग सिन्दुरी
पिया जी बिन तेरे मै हु अधुरी
आ भी जा ओ निर्मोही
सुना-सुना मेरा आचल
नीर बन बह गये मेरे काजल
कैसे कह दु पिया जग से मै
हो गई हु तेरे प्रीत मे पागल
ajay ji ab ap to intjaar mat karbaie , koi aap kaa intjaar kar raha hai....ha .ha...ha
ReplyDeletekya kahu ma intjaar kya hota hai....intjaar hi to hota hai....
ReplyDelete