Saturday, September 4, 2010

इंतजार

न पाती ना कोई खबरीया
रूठ क्यो गए वो मेरे सावरियाँ
नयना आस मे तेरी हर पल
आ भी जाओ तु वो बावडियाँ

सुनी-सुनी है मेरी डगरिया
कब आओगे सजना तु दुअरिया
झुले सुने तेरे बिन
सुनी है पनघट किनरिया
यादो मे हर वो रैना
आ भी पिया सावरियाँ

बिन कंगन सुनी मेरी कलईयाँ
बाहो मे तेरी रहती थी हर पल सईयाँ
थाम के तेरी बहिईयाँ
कैसे भुल जाऊँ वो अंगराईया
बीत रहे है पल-पल सजनवा
आ भी जा पहना दो कगनवाँ

खो गई है जुड़े मेरी
जुल्फ खुली है इतजार मे तेरी
तड़प रही है तेरी सजनियाँ
नयना रूठ गई हमसे तेरे बिन
भर जाती है नयन गगरियाँ
न आती है चैन सावरियाँ
आ भी जा तु ओ बावरियाँ

बढ रही है प्यास सजनवा
रूठ गई है हमसे निदियाँ
तड़प रही हु तेरी याद मे
भूल गई हु लगाना बिदियाँ
आ भर दो मेरी माँग सिन्दुरी
पिया जी बिन तेरे मै हु अधुरी

आ भी जा ओ निर्मोही
सुना-सुना मेरा आचल
नीर बन बह गये मेरे काजल
कैसे कह दु पिया जग से मै
हो गई हु तेरे प्रीत मे पागल

2 comments:

  1. ajay ji ab ap to intjaar mat karbaie , koi aap kaa intjaar kar raha hai....ha .ha...ha

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  2. kya kahu ma intjaar kya hota hai....intjaar hi to hota hai....

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